आईपीएल 2025 की ऐतिहासिक जीत के बाद बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड के लिए उमड़ा जनसैलाब एक दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गया। भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए। इस घटना ने सिर्फ शहर ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। अब इस त्रासदी को लेकर सियासत गर्म हो गई है।
- “यह सिर्फ भगदड़ नहीं, एक सरकार-निर्मित त्रासदी है” बीजेपी का हमला
- राहुल गांधी पर भी उठे सवाल: “आप अब खामोश क्यों हैं?”
- “मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम इस्तीफा दें” नैतिक जिम्मेदारी तय करने की मांग
- तीन लाख की भीड़ आई कैसे? क्या आयोजन अवैध था?
- “जश्न के बीच मरते लोग, सरकार में मचा सेल्फी क्रेज”
- आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल भी अंजान? कुप्रबंधन का बड़ा सवाल
- “अल्लू अर्जुन को अरेस्ट किया गया, तो यहां क्यों नहीं?”
- टिकटों की कालाबाजारी ने बढ़ाई भीड़, आरोप गंभीर
- सिद्धारमैया की सफाई: “ऐसी घटनाएं होती रहती हैं”
- बीजेपी का तीखा पलटवार: “यह कुंभ नहीं, एक सरकारी तमाशा था”
“यह सिर्फ भगदड़ नहीं, एक सरकार-निर्मित त्रासदी है” बीजेपी का हमला
विपक्षी पार्टी बीजेपी ने इस घटना को सरकार की “घोर विफलता” करार दिया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि यह हादसा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की आपसी रस्साकशी और आयोजन में भारी कुप्रबंधन का नतीजा है। संबित पात्रा ने तीखा बयान देते हुए इसे एक “राजनीतिक लालसा से उपजी मानव त्रासदी” बताया।
राहुल गांधी पर भी उठे सवाल: “आप अब खामोश क्यों हैं?”
बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे जब सेना या प्रधानमंत्री की आलोचना करते हैं तो बहुत सक्रिय रहते हैं, लेकिन जब कर्नाटक में लोगों की मौत हो गई तो उनकी चुप्पी हैरान करती है। पार्टी ने मांग की है कि राहुल गांधी इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दें और जिम्मेदार नेताओं को दिल्ली तलब करें।
“मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम इस्तीफा दें” नैतिक जिम्मेदारी तय करने की मांग
बीजेपी का कहना है कि इतनी बड़ी घटना की नैतिक जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। पार्टी ने सीएम और डिप्टी सीएम दोनों से इस्तीफे की मांग की है। साथ ही डीके शिवकुमार से माफी मांगने को कहा है, क्योंकि वे आयोजन के मुख्य चेहरे थे।
तीन लाख की भीड़ आई कैसे? क्या आयोजन अवैध था?
सबसे बड़ा सवाल यही उठाया जा रहा है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के आसपास एक साथ 3 लाख लोग कैसे जमा हो गए? बीजेपी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी, फिर भी यह कार्यक्रम कैसे हुआ? क्या भीड़ को नियंत्रित करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी?
“जश्न के बीच मरते लोग, सरकार में मचा सेल्फी क्रेज”
बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि जब भगदड़ में लोग तड़प रहे थे, तब सीएम और डिप्टी सीएम कार्यक्रम में मौजूद थे। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार तो स्वागत कार्यक्रमों में व्यस्त थे और “सेल्फी खिंचवाने” में मशगूल रहे। पार्टी ने इसे शर्मनाक और असंवेदनशील करार दिया।
आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल भी अंजान? कुप्रबंधन का बड़ा सवाल
बीजेपी ने खुलासा किया कि आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल को इस विक्ट्री परेड की जानकारी तक नहीं थी। उन्होंने खुद कहा कि उन्हें आयोजन के बारे में कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी। यह बात आयोजन की तैयारी पर बड़ा सवाल खड़ा करती है।
“अल्लू अर्जुन को अरेस्ट किया गया, तो यहां क्यों नहीं?”
बीजेपी ने याद दिलाया कि एक पुराने केस में अभिनेता अल्लू अर्जुन को भगदड़ के लिए गिरफ्तार किया गया था। ऐसे में सवाल उठाया गया कि डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया पर कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए?
टिकटों की कालाबाजारी ने बढ़ाई भीड़, आरोप गंभीर
बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि आयोजन के लिए 25,000 अतिरिक्त टिकट ब्लैक में बेचे गए, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई। पार्टी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सिद्धारमैया की सफाई: “ऐसी घटनाएं होती रहती हैं”
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा और घायलों के इलाज का ऐलान किया, लेकिन आयोजन में कुप्रबंधन की जिम्मेदारी लेने से बचते रहे। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं कुंभ जैसे आयोजनों में भी होती हैं।” इस बयान ने और विवाद खड़ा कर दिया है।
बीजेपी का तीखा पलटवार: “यह कुंभ नहीं, एक सरकारी तमाशा था”
बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री के बयान को अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी, तो कार्यक्रम हुआ कैसे? सरकार की संवेदनहीनता और गैरजिम्मेदारी ने मासूम जानें ले लीं। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की जिम्मेदारियों से भागने का उदाहरण है।

